समग्र नैतिक क्रान्ति द्रष्टा-समदर्शी श्रीराम
समग्र नैतिक क्रान्ति द्रष्टा-समदर्शी श्रीराम समदर्शी आदिवासी नारी शबरी के प्रेमरस पूर्ण बेरों का स्वाद समदर्शी श्रीराम ने लिया तथा नवधा भक्ति का उपदेश प्रदान किया। समदर्शी श्रीराम ने स्पष्ट तौर पर शबरी के समक्ष घोषणा की थी, वह केवल भक्ति का ही रिश्ता मानते हैं। कह रघुपति सुन भामिनि बाता। मानउं एक भगति कर नाता।। जाति से कोई श्रेष्ठ नहीं होता, शबरी को नवधा भक्ति उपदेश पश्चात् श्रीराम ने बताया कि तुम्हारे अंदर सभी प्रकार की भक्ति दृढ़ है। इसलिए योगियों को दुर्लभ गति तुम्हें प्राप्त होगी। श्रीरामचरितमानस में जाति आधारित आरोप खोजने वालों को शबरी प्रसंग स्मरण क्यों नहीं रहता है? समदर्शी श्रीराम ने शबरी को जो प्रेम, आदर तथा मान प्रदान किया, वह अद्भुत एवं ह्रदयस्पर्शी है। भक्ति, साधना तथा अध्यात्म क्षेत्र में रुचि रखने वाले साधकों के लिए नवधा भक्ति सदैव मार्गदर्शन करती है। समदर्शी श्रीराम की कृपा से शबरी का यश सदा के लिए नवधा भक्ति प्रसंग के साथ अमर हो गया है। इस लोक में भक्ति साधना करने के लिए जाति प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं है, ऐसा समदर्शी श्रीराम न...